क्यों बैठा है उदास ,
कहीं दूर राह घूम आया कर।
कोई हंसाने नहीं आएगा,
अपनी हंसी खुद लाया कर।
तनहाई में कब तक रहेगा,
कभी खुशियों का महल सजाया कर।
सितारे लाकर कोई नहीं देगा,
अपनी रोशनी से जगमगाया कर।
किसी की याद आए ,
तो उसे होले से बुलाया कर ।
कभी-कभी बेवजह बेशुमार ,
लोगों पर प्यार लुटाया कर ।
खुशियां तेरी है ,खुशियां मेरी है ,
बारिश की तरह इसे हर जगह बरसाया कर।
जिंदगी एक ही मिली है ,
इसे खुश रहकर बिताया कर।
– Neha Tolani